Online Child Adoption legally in Bazpur, Kashipur, Jaspur, Gadarpur, Rudrapur, Kichha, Sitarganj, Nanakmatta and Khatima
Online Child Adoption legally in Bazpur, Kashipur, Jaspur, Gadarpur, Rudrapur, Kichha, Sitarganj, Nanakmatta and Khatima in Udham Singh Nagar district and Nainital in Uttarakhand under the guidance of reputed and highly qualified advocates/lawyers to assist you in Court Marriage from session court, district court and high court (Nainital) of Uttarakhand.
दत्तक ग्रहण (Adoption)
जब भी किसी बच्चे को गोद लिया जाता है तब The Hindu Adoptions and Maintenance Act 1956 के सभी नियमों व शर्तों का पालन करना होता है।
गोद लेने के निम्न प्रकार हैं:
खुला दत्तक ग्रहण (Open Adoption): खुला दत्तकग्रहण मे जिस बच्चे को गोद लिया जा रहा होता है उसमे उस बच्चे के वयस्क होने पर वह बच्चा सभी कागजातों को देख सकता है व जो भी बच्चे की सगी माँ थी वह बच्चे से मिल सकती है परंतु जिसको बच्चा दिया गया है उसकी सहमति अनिवार्य है।
अर्ध खुला दत्तक ग्रहण (Semi Open Adoption): यह खुला दत्तक ग्रहण से बिल्कुल अलग है इसमे बच्चे कि सगी माँ उस बच्चे से नहीं मिल सकती।
बंद दत्तक ग्रहण (Closed adoption): इस तरह दत्तकग्रहण में जो भी दंपत्ति बच्चे को गोद दे रहे है उन्मे ओर गोद लेने वाले दंपत्ति मे किसी भी प्रकार का कोई भी संपर्क नहीं होता।
अंतर परिवार दत्तक ग्रहण (Intra family Adoption): इस दत्तक ग्रहण मे आपस मे ही रिस्तेदार परिवार के बच्चे को गोद ले लेते है जैसे बहन अपनी ही बहन का बच्चा ले ले, या भाई अपने ही भाई का बच्चा ले ले:
- गोद लेने वाले दंपत्ति को सबसे पहले आवेदक के तौर पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके अलावा भावी माता पिता को CARA द्वारा प्रमाणित एडॉप्शन प्लेसमेंट एजेंसी के पास अपना नाम लिखाना चाहिए।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म सफलतापूर्वक जमा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज (जैसे उनकी आर्थिक स्थिति, बीमारी, शादी का स्टेटस, एड्रेस प्रूफ, उम्र के प्रमाण पत्र इत्यादि) दस्तावेज़ों के साथ संलग्न करने होंगे।
- इस प्रक्रिया के बाद गोद लेने वाले दंपत्ति की काउंसलिंग और इंटरव्यू लिया जाता है. एक सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा दत्तक माता पिता के बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा की जाती है. यह जानकारी जरूरीदस्तावेज जमा करने के 30 दिन के भीतर इकठ्ठा कर ली जाती है. एक बार पूरी हो जाने के बाद यह तीन साल की अवधि के लिए वैध होती है।
- जब एजेंसी को एक उपयुक्त बच्चा मिल जाता है तो वह भावी माता पिता को इसकी जानकारी देते हैं. यदि दंपत्ति बच्चे को गोद लेने के लिए सहमती देते हैं तो उनको कुछ दस्तावजों पर हस्ताक्षर करने के बाद बच्चे को माता पिता को सौंप दिया जाता है।
- इसके बाद एजेंसी का वकील दत्तक माता पिता की ओर से किशोर न्यायालय बोर्ड अथवा न्यायालय में याचिका दाखिल करता है जिसके तहत बच्चा गोद लेने की मंजूरी मिल जाती है।
- दत्तक माता पिता रजिस्ट्रार ऑफिस में गोद लेने के प्रमाण पत्र को रजिस्टर करवाते हैं और जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते हैं।
बच्चे को गोद लेने के नियम:
- भारत के किसी भी हिस्से में बच्चा गोद ले सकते हैं लेकिन दत्तक माता पिता के बारे में इन्क्वारी उसी राज्य की एजेंसी करती है जहां दंपत्ति रह रहे हैं।
- दत्तक दंपत्ति और गोद लिए जाने वाले बच्चे के बीच कम से कम 21 वर्ष का अंतर होना चाहिए.इसके अलावा ऐसे दंपत्ति भी बच्चा गोद ले सकते हैं जिनकी उम्र 90 वर्ष से कम है।
- एक अकेली महिला लड़का या लड़की गोद ले सकती है, लेकिन अकेला पुरुष किसी बच्ची को गोद नहीं ले सकता है।
गोद लेने के लिए जरूरी दस्तावेज हैं:
- दत्तक दंपत्ति का पहचान का प्रमाण (आधार कार्ड/ मतदाता कार्ड / पैन कार्ड / पासपोर्ट / ड्राइविंग लाइसेंस)
- माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र
- आय का प्रमाण
- माता-पिता की फिटनेस का प्रमाणपत्र
- निवास का प्रमाण
- पारिवारिक फोटोग्राफ
- शादी का प्रमाण पत्र